A Review Of Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana
डर से लड़ने के लिए मानसिक शक्ति कैसे बढ़ाएं
डर मानसिक कमजोरी का संकेत नहीं है, बल्कि आत्म-जागरूकता की आवश्यकता है। अपनी मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए:
पर इस चीज़ की गारंटी है की वो इन पैसों से कभी खुश और निर्भीक नहीं रह पायेंगे.
डर के भी अनेक रूप हैं किसी को अंधेरे से डर लगता है तो कोई मरने के डर से कांप उठता हैं किसी को बीमार पड़ने का डर है तो बहुत लोग भविष्य में कहीं उनके साथ कोई आपत्ति या दुर्घटना ना हो जाए यह सोचकर मन ही मन डर रहे होते हैं
आप जितना डर से बचते हैं, वो उतना ही बढ़ता है
अपने अंदर के डर को कैसे दूर भगाएं? हम जिन चीजों में विश्वास रखते हैं। हमारे मानसिक अवधारणाएं, सोच विचार जिस तरह के होते हैं वहीं हमारी आदतों और कर्मो get more info का निर्माण करते हैं, यानी अगर हम ये सोचे हमें इस चीज से डर लगता हैं तो संभवतः जरुर उससे आप भयभीत रहेंगे।
इसे लेकर आपकी क्या प्रतिक्रिया होती है? इनके बारे में जानें।
क्या आप केवल इस वजह से दूसरे राज्य/देश में रहने वाले अपने फैमिली मेम्बर से मिलने नहीं जाते, क्योंकि वहाँ जाने के लिए आपको प्लेन से सफर करना होता है? पता करें कि आपके विचारों और व्यवहार पर भय का कितना प्रभाव पड़ता है।
❓ क्या हर डर को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है?
उत्तर: हां। कुछ डर हमें सावधान बनाते हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं – इन्हें constructive fear
जन्म देना और वापिस बुलाना भगवान् का काम है, जब तक वो नहीं चाहेंगे, कोई भी आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता.
जैसे हाथ पैंर कांपने लगना, सांस भारी हो जाना, दिल की धड़कन तेज हो जाना और कभी कभी चक्कर आ जाना. इन शारीरिक लक्षणों के साथ साथ हमारी मानसिक हालत भी कमजोर हो जाती है.
जो बीत गया सो बीत गया। अक्सर हम बीती हुई बातों को लेकर चिंता में पड़ जाते हैं जैसे कि अगर कुत्तों से डरते हैं तो पहले कभी कुत्तों से कोई बुरा अनुभव हुआ होगा।
डर से लड़ने के लिए मानसिक शक्ति कैसे बढ़ाएं